चंद्र ग्रहण 2025: सूतक काल, समय और जरूरी बातें
चंद्र ग्रहण 2025 भारत में कब लगेगा? सूतक काल, शुभ-अशुभ काम और उपाय जानें एक ही जगह।
सितंबर की ठंडी होती रातों में एक नया शो होने वाला है – 7-8 सितंबर 2025 की रात का खग्रास चंद्र ग्रहण। वैज्ञानिक बोलेंगे, “ये बस पृथ्वी की छाया है,” लेकिन हमारे मोहल्ले की दादी कहेंगी, “बेटा, खाना मत पकाना।” दोनों की अपनी-अपनी बात है, और दोनों की अनदेखी करना बड़ा जोखिम भरा भी हो सकता है (वैज्ञानिक गलत साबित होते नहीं, और दादी को नाराज़ करना तो और भी खतरनाक है)।
सूतक काल कब से कब तक?
गांव हो या शहर हर जगह लोग यही पूछ रहे हैं—“अरे भाई! सूतक कब लग रहा है?” तो नोट कर लीजिए:
- शुरुआत: 7 सितंबर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट
- समाप्ति: 8 सितंबर रात 1 बजकर 26 मिनट
मतलब, दोपहर के बाद से ही घरों में सावधानी का माहौल शुरू हो जाएगा। अगर आप आगरा, लखनऊ या भोपाल जैसे शहरों में हैं, और अगर तो आसमान साफ रहा तो अप लोगों को चाँद का पूरा रंग-रूप आसानी से दिख जाएगा।
सूतक काल होता क्या है?
सूतक काल ग्रहण से जुड़ा एक अहम समय मान्या जात है। ग्रहण शुरू होण से करीब 9 घंटे पहिले सूतक लाग जातो है। इस दौरान पूजा-पाठ रोक दिये जातें हैं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखो जातो है। मान्यता है कि इस समय माहौल दूषित हो जातो है।
सूतक काल में क्या न करें?
हमारे यहाँ दादी-नानी बार-बार समझाती हैं, “ग्रहण में ये काम मत करना” – और उनकी सूचि कुछ इस प्रकार है:
- शादी-ब्याह, गृह प्रवेश या बड़े पूजन जैसे शुभ कार्य रोक दीजिए।
- बिना वजह की यात्राएँ टालें—वैसे भी रात में ट्रैफिक झेलने से अच्छा है घर में रहना।
- नया बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट या कोई बड़ा काम शुरू न करें।
- बाल या नाखून कटवाने जैसी चीज़ों से परहेज़।
सूतक काल में क्या करें
अब “क्या करें” भी तो जानना ज़रूरी है, वरना आधा दिन खाली लगेगा| तो यह जानिए:
- जरूरतमंद को दान-पुण्य देना।
- भगवान का नाम जपना या मंत्रोच्चारण।
- ग्रहण खत्म होने के बाद गंगाजल या साफ पानी से घर और रसोई की शुद्धि करना।
स्थानीय अंदाज़
आगरा में तो लोग पहले से ही योजना बना रहे हैं कि यमुना किनारे बैठकर लाल चाँद देखने का मज़ा लिया जाए। वहीं बुंदेलखंड और बिहार के कस्बों में लोग छत पर बैठकर ग्रहण की चर्चा करते हुए समय गुजारेंगे। किसी-किसी घर में बच्चे तो चुपके से मोबाइल से फोटो लेने की प्लानिंग भी बना रहे हैं।
चाहे आप आस्था से जुड़ें हों या बस खूबसूरत आसमान का लुत्फ़ लेना चहाते हों , ये रात सबके लिए खास होने वाली है। एक तरफ चाँद का लाल लालिमा भरा रूप दिखेगा और दूसरी तरफ घर-आँगन में सूतक की परंपराएँ—यानी साइंस और संस्कार, दोनों साथ में।